भगवान श्री कृष्ण ने कहा --प्रिय उद्धव! योग-धारण करने से जो सिद्धियां प्राप्त होती है उनका नाम-निर्देश के साथ वर्णन सुनो_ धारणा-योग के पारगामी योगियों ने 18 प्रकार की सिद्धियां बतलाइ हैं।उनमें आठ सिद्धियां तो प्रधान रूप से मुझ में ही रहती है और दूसरों में न्यून; तथा 10 सत्व गुण के विकास से भी मिल जाती है। उनमें तीन सिद्धियां तो शरीर की है_1."अणिमा", 2." महिमा" और 3."लघिमा"। 4.इंद्रियों की एक सिद्धि है_ "प्राप्ति"। 5.लौकिक और पारलौकिक पदार्थों का इच्छा अनुसार अनुभव करने वाली सिद्धि "प्राकाम्य" में है। 6.माया और उसके कार्यों को इच्छा अनुसार संचालित करना "ईशिता" नाम की सिद्धि है। 7.विषयों में रहकरभी उनमें आसक्त ना होना"वशिता" है। वशीता 8.जिस जिस सुख की कामना करें उसकी सीमा तक पहुंच जाना "कामावसायिता"नाम की आठवीं सिद्धि है। यह आठों सिद्धियां मुझ में स्वभाव से ही रहती है और जिन्हें में देता हूं उन्हीं को अंशतः प्राप्त होती है। इनके अतिरिक्त और भी कहीं सिद्धियां है। 1.शरीर में भूख- प्यास आदि वेगों